अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें। �
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें। �